by Muhammed Hashim
अस्सलामुअलैकुम अल्लाह ने हमें जिंदगी जीने का बेहतरीन तरीका सीखाया है, दुआएं बताई है, ताकि हम अल्लाह की रजा पा सके और हमारा असल मकसद भी अल्लाह की रजा पाना हीं है इसलिए हमें सभी तरह की दुआ याद रहनी चाहिए, इसलिए आज हम Qurbani Ki dua in Hindi में सीखेंगे क्योंकि, कुर्बानी से पहले दुआ पढ़ने और इस पर अमल करने से इन शा अल्लाह जन्नत नसीब होंगी, तो चलिए दुआएं सीखने के सिलसिले में आज क़ुरबानी की दुआ सीखते है।
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क़ुरबानी का कुरान में जिक्र
हम क़ुरबानी इसलिए करते हैं क्योंकि अल्लाह ने हमें क़ुरान में इसके बारे में बताया जो आप निचे पढ़ सकते हो –
Qurbani ki Dua
क़ुरबानी कि इस्लाम में बहुत अहमियत है, और इसमें बहुत सवाब भी है, क्योंकि अल्लाह ने क़ुरान में फ़रमाया हैँ ‘हर उम्मत के लिये हमने क़ुरबानी का एक क़ायदा तय कर दिया है’ इसलिए हमें Qurbani ki Dua जरूर सीखनी चाहिए तो चलिए सीखते है –
क़ुरबानी की 4 दुआएं हम आज सीखने वाले है –
Dua No. 1
Dua No. 2
Dua No. 3
Dua No. 4
क़ुर्बानी के अहकाम और मसाइल
क़ुरबानी के बहुत से अहकाम और मसाइल हैँ, जिन्हे हमें ध्यान में रखना चाहिए, जो इस तरह हैँ –
- कुर्बानी के जानवर या किसी भी जानवर के सामने छुर्री या चाकू तेज न करें
- नमाज पढ़ने के बाद हीं क़ुरबानी करें
- पहले दिन क़ुरबानी करना अफजल हैँ
- बाएं पहलू पर जानवर को लेटाएं
- क़िबला की तरफ रुख करें तो और अच्छा हैँ
- अपना पाँव क़ुरबानी के जानवर की गर्दन पर रखें
- बांया हाथ उसकी गर्दन पर रखें या पकड़े
- दायाँ हाथ से जीबहा करें।
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Conclusion – निष्कर्ष
कुर्बानी के ताल्लुक से अल्लाह ने हमें कुरान में फ़रमाया हैँ, इसलिए यह बहुत सवाब का अमल हैँ, और Qurbani ki Dua और तारीका अल्लाह ने हमें हमारे प्यारे नबी ए करीम जनाब ए मुहम्मद सल्लाहु अलैहि वसल्लम के जरिये सीखाया हैँ, तो हमें यह दुआ जरुर याद करनी चाहिए हैँ और इस पर अमल भी करना चाहिए, बाकि हम इंसान हैँ और हमसे गलती होती हैँ, अगर मुझसे भी इस दुआ के ताल्लुक से कोई गलती हुई तो मुझे सही करना अल्लाह मुझे और आपको माफ करें आमीन!
उम्मीद करते हैं, आपको यह दुआ समझ आ गयी होंगी इसलिए इसे सभी तक पहुंचाए ताकि आप भी सवाब का जरिया बन सको क्योंकि जितने लोग इस दुआ को सीख कर उस पर अमल करेंगे तो उसका सवाब आपको भी मिलेगा इन शा अल्लाह
अस्सलामुअलैकुम व रहमतुल्लाहि व बरहकातुहु
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाला सवाल
मुसलमान कुर्बानी क्यों दे रहे हैं?
मुसलमान कुर्बानी इसलिए दें रहें क्योंकि अल्लाह ने क़ुरान में फ़रमाया –
हर उम्मत के लिये हमने क़ुरबानी का एक क़ायदा तय कर दिया है; ताकि (उस उम्मत के) लोग उन जानवरों पर अल्लाह का नाम लें जो उसने उनको बख़्शे हैं।(64) (इन अलग-अलग तरीक़ों के अन्दर मक़सद एक ही है) तो तुम्हारा ख़ुदा एक ही ख़ुदा है और उसी के तुम फ़रमाँबरदार बनो। और ऐ नबी, ख़ुशख़बरी दे दो आजिज़ाना रविश (विनम्र रवैया) अपनानेवालों को,
Surat No 22 : سورة الحج – Ayat No 34
कुर्बानी करते वक्त क्या पढ़ा जाता है?
कुर्बानी करते वक़्त की हमने आज 4 दुआ सीखी आप उनमें से कोई भी पढ़ सकते हो ( अल्लाह बेहतर जानता हैँ )